गुरुवार, 27 जुलाई 2017

याद: अमजद खान

आत्‍मविश्‍वास और बहादुरी परदे पर उनकी बड़ी खूबी थी



भारतीय सिनेमा के सौ साल के इतिहास में पाँच उत्कृष्ट फिल्मों में से एक शोले के प्रमुख पात्र गब्बर सिंह की भूमिका निभाकर अमर हो जाने वाले कलाकार अमजद खान आज ही के दिन नहीं रहे थे। समय देखते ही देखते व्यतीत हो जाता है। पच्चीस साल कब बीत गये पता ही नहीं चला, लगता है कल की ही बात है जब मुम्बई में थमती-बरसती बारिश में आज का दिन और 1992 का साल इस दुखद घटना का था और करोड़ों देशवासी स्तब्ध थे, अमजद खान साहब के नहीं रहने पर। लगभग बीस साल के अपने कैरियर में उन्होंने जो फिल्में कीं, जो भूमिकाएँ कीं, जिन निर्देशकों के साथ काम किया, वह अविस्मरणीय है। 

वे जब शोले के समय के अमजद खान थे तब अपनी स्फूर्ति और सफलता को उन्होंने अनेक आगामी किरदारों में निरन्तर समृद्ध किया था। कुछ ही समय बाद की कार दुर्घटना और दवाइयों के प्रभाव से वजन बढ़ जाने के बाद वे हास्य भूमिकाओं की ओर आये, चरित्र भूमिकाएँ कीं और वहाँ भी सिनेमा के आलोचकों ने उनकी भूमिकाओं को सराहा फिर चाहे वो चमेली की शादी हो, लव स्टोरी हो, कुरबानी हो या इसी तरह की कोई और फिल्में। उनको जीनियस साबित करने वाली सबसे उत्कृष्ट फिल्म शतरंज के खिलाड़ी थी जो प्रेमचन्द के उपन्यास का आधार लेते हुए महान फिल्मकार सत्यजित रे ने बनायी थी। इस फिल्म में वाजिद अली शाह की उनकी भूमिका को देखकर अन्दाजा लगाया जा सकता है कि चरित्र के रूप में रे को जो चाहिए था, उसे अमजद साहब कितने परफेक्शन के साथ देते हैं। 

शोले और शतरंज के खिलाड़ी अमजद साहब के एक्सीलेंस को आँकने के लिए बहुत हैं। यह एक बड़ा अचरज कहा जायेगा कि एक कलाकार के रूप में उनका आत्‍मविश्‍वास गजब का था। शोले उनकी पहली बड़ी फिल्‍म थी जिसमें उनके सामने सारे कलाकार बहुत वरिष्‍ठ और अनुभवी थे लेकिन दृश्‍य करते हुए अमजद खान किसी के प्रभाव में नहीं दीखते। उनका सारा ध्‍यान अपने किरदार और दृश्‍यों में रहा। यही खूबी उनको शोले का सबसे चमकदार सितारा बना ले गयी। उनका अकस्मात निधन सभी के लिए अस्वीकार्य रहा है लेकिन ऊपरवाले के निर्णय के आगे हमारी सारी अस्वीकार्यताएँ विवशताओं सी हैं। जानकार लोग याद करते हैं शोले से भी पहले लव एण्ड गाॅड में उनकी छोटी सी भूमिका और थिएटर के दिनों में एक नाटक चुन चुन करती आयी चिड़िया जिसे लेकर वे देश भर में घूमे थे और यह नाटक बड़ा चर्चित था। 

अमजद खान के बारे में यह सहज ही कहना होगा कि वे सिनेमा की एक पूरी सदी के चन्द प्रमुख कलाकारों में से एक चमत्कारी अभिनेता थे। वे अपनी उसी छाप में, उसी प्रभाव में, अपने योगदान में सदैव उसी तरह याद आयेंगे, शोले के गब्बर सिंह के रूप में जिसका बोला गया एक-एक संवाद, एक-एक शब्द पीढ़ियों को रटा हुआ है, जो तब के नायकों-महानायकों से ज्यादा विख्यात और अविस्मरणीय है..................

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