गुरुवार, 29 जून 2017

टॉयलेट एक प्रेमकथा के बहाने

सम्‍पादक-निर्देशक के सिनेमा पर बात



हिन्दी सिनेमा में मुझे निजी तौर पर सम्पादक से निर्देशक बने फिल्मकारों की फिल्मों को लेकर सदैव जिज्ञासा बनी रहती है। तब और जब खासकर सम्पादक, एडीटर अपने काम से ध्यान आकृष्ट करता हो और बाद में उसकी आगे की धारा उसे निर्देशन की ओर ले जाती हो। यह परम्परा हृषिकेश मुखर्जी से शुरू हुई है और डेविड धवन, लीना यादव, राजकुमार हीरानी से होते हुए निरन्तर जारी रही है। समय-समय पर आदि निर्देशकों ने अपनी फिल्मों से ध्यान आकृष्ट किया है और वे सम्पादक की लाइन से निर्देशन के क्षेत्र में आये हैं।

दरअसल निर्देशक के लिए लगभग पूरी फिल्म बहुत ही गहनता और समझदारी से गढ़कर देने का काम सम्पादक या एडीटर ही करता है। एक दृश्य से दूसरे दृश्य तक जाने, दृश्य की लम्बाई या सुदृढ़ करने के लिए उसको आवश्यकतानुसार लेना, शेष छोड़ देना, संवादों की आवश्यकता, अपरिहार्यता और निरर्थकता की वह ऐसी विकसित समझ वाला व्यक्ति होता है जो लगभग दर्शक की निगाह से फिल्म को देखते हुए अनुशासित करता है। वह वास्तव में निर्देशक का काम आसान करता है।
श्रीनारायण सिंह को एडीटर के रूप में उनके कामों के साथ ही जाना है, अक्षय कुमार की पिछली अनेक सफल फिल्मों के वे एडीटर रहे हैं, बेबी, स्पेशल छब्बीस, रुस्तम आदि और इसके अलावा ए वेडनेस्डे, एम एस धोनी, सात उचक्के आदि। श्रीनारायण सिंह की चर्चा इन दिनों निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म टाॅयलेट एक प्रेमकथा के साथ हो रही है। स्वाभाविक रूप से निर्देशक होते हुए वे सम्पादन के अपने अनुभवों और आवश्यकताओं के अनुसार ही काम भी करते रहे होंगे। उतना ही शूट हो रहा होगा, जितना जरूरत हो, विकल्प भी यदि लिए होंगे तो बहुत आवश्यकता होने पर।
आमतौर पर फिल्म में भी भोजन की मात्रा और राशन की जरूरत का तालमेल बनाया जाना बेहतर रहता है। यदि निर्देशक, सम्पादक भी है तो उसको पता है बल्कि वह काम करते हुए बहुत सारे अतिरेकों को भी खत्म करता है। वह निर्देशक के रूप में पहले सक्रिय है, एडीटर के रूप में बाद में काम करेगा, एडीटिंग टेबल पर और पुनरावलोकन करेगा निर्देशक के रूप में पुनः।
टाॅयलेट एक प्रेमकथा का टीज़र दिलचस्प है। जिज्ञासा, कौतुहल और आकर्षण जगाने वाला। हमें एक ऐसे निर्देशक का स्वागत या अभिनंदन करना चाहिए जो अपने आपको अनेक बार एडीटर के रूप में सफलतापूर्वक प्रमाणित कर चुका है और उन्हीं तजुर्बों के साथ दर्शकों के लिए एक अच्छे विषय की फिल्म लेकर आ रहा है..........

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